g6pd क्या है

जी6पीडी?  हमारे ख़ून में ग्लूकोज़ या फ़ासफ़ेट की कमी को जी६पीडी कहते हैं।  इससे होता क्या है की।  जिस किसी के ख़ून में ये कमी होती है।  कुछ दबाय प्रीतिबंधित हो जाती है का प्रयोग न करें।  जैसे की मलेरिया की गोली दबैया इंजेक्शन या एंटीबायोटिक के हाई डोज मालती विटामिन और भी बहुत सी दबाय।  G6pd डिफरेंशियल यानी दरसाल ख़ून की गुणवत्ता में कमी को कहा जाता है, मलेरिया के रोगाणु को खत्म करने के लिए अतिधिक गरमी बाले इंजेक्शन गोली दवाओं की जुररत होती है इसलिय डॉ.  हमें गोलियां दूध से खाने को कहता है।  या इंजेक्शन के साथ वाटल भी लगता है।  जिसेस पेसेंट गरमी सहन कर स्के।  लेकिन जिस्के खुन में ग्लूकोस6 या फॉस्पेड की कमी होती है इसमे ज्यादा तेज दबाओ को सहने की ताकत नहीं होती है।  या रोग के रोगाणु मारने से पहले खून के कन (लाल रक्त कोशिकाएं) मरने लगते हैं या मरिज में खून की कमी आ जाती है।  या मरा हुआ खून जब गुर्दे में जाता है।  तो उसकी छन्नियो में चिपक जाता है।  तो जाम हो जाती है या फेल हो जाती है।  गुर्दे फेल हो जाने से शरीर में गंदगी इकट्ठा होने लगती है।  शरीर में सुजन आ जाती है मरीज को खाना हाजम नहीं होता है उलटिया आती है, बाथरूम भूरे कथाई (चकलेटी) कलर की आने लगती है, उसे हम जी६पीडी डिफिसियन के करन से होने बाला रिएक्शन भी मान सकते हैं।  जो की रेड ब्लड सेल्स खत्म होने के करन किडनी जाम होना, उसकी वजह से लीवर का डेमेज होने तक, अगर आदमी बचा रहता है हर्ट ब्रोब्लम के करन आदमी मर जाता है, ये जी6पीडी की किमी 1000 में से 1 इंसान बाय% के हिसाब से  हो सकती है  ये जन्मजत होती है यानी की बच्चा जब जन्म लेता है तो ये किमी उसके खून में मोजुद रहती है, मतलब [डीएन। ए] में कोई गलती के करण ये कमी बच्चे में ये कमी आ जाती है।  अगर किसी को पहली बार मलेरिया हो या गोली दबायो के हाई डोज देने की जरूरत महसूस हो रही हो तो g6pd की जांच अपने नजदिकी स्वस्थ केंद्र में करवा लेनी चाहिए।  इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करे जिससे लोगो की जन बच खातिर या सब उसके प्रति जागरुक हो।  धन्यवाद...

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